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संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की मानवाधिकार उल्लंघनों पर चीन के खिलाफ कार्रवाई की मांग

संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सामूहिक और निर्णायक कार्रवाई करने का मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की सरकार अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों और अपने नागरिकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद करे। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) द्वारा जारी एक बयान में विशेषज्ञों ने यह बात कही है, जो मानवाधिकार परिषद की विशेष प्रक्रियाओं का हिस्सा भी हैं।

इन विशेषज्ञों ने कहा है कि यह चीन में मानवाधिकार की स्थिति पर नए सिरे से ध्यान देने का समय है। उन्होंने विशेष रूप से हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एसएआर), झिंजियांग स्वायत्त क्षेत्र, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और देश भर में मानवाधिकार रक्षकों के अल्पसंख्यकों के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों पर रोक लगाने पर जोर दिया है।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (एचआरसी) से आग्रह किया है कि वे चीनी मानवाधिकार प्रथाओं की निगरानी के लिए सभी उपयुक्त उपाय करने के लिए तत्परता से कार्य करें।

समूह ने उल्लंघनों का मूल्यांकन करने; चीन में मानवाधिकारों की स्थिति की करीब से निगरानी, विश्लेषण करने और वार्षिक आधार पर रिपोर्ट करने के लिए एक निष्पक्ष और स्वतंत्र संयुक्त राष्ट्र तंत्र की स्थापना करने -जैसे कि संयुक्त राष्ट्र का एक विशेष दूत, एचआरसी द्वारा नियुक्त विशेषज्ञों की एक समिति या महासचिव का एक विशेष दूत- के लिए एक विशेष सत्र बुलाने की सिफारिश की है। चीन में विशेष रूप से हांगकांग एसएआर, शिनजियांग स्वायत्त क्षेत्र और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थितियों की तात्कालिकता को देखते हुए यह कदम उठाने के लिए कहा गया है।

विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया है कि सभी सदस्य देशों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को चीन के साथ अपने संवाद और आदान-प्रदान में विशेष रूप से मांग करनी चाहिए कि चीन अपने मानवाधिकारों के दायित्वों को पूरा करे।

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