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बिहार की बेटी ‘ज्योति कुमारी’ का रेप, हुई मौत

ज्योति के साथ गाँव के ही एक व्यक्ति “अर्जुन मिश्रा” ने किया बलात्कार।

दरभंगा की बेटी ज्योति का चर्चा सभी सोशल मीडिया पर है, आपको बता दें कि बिहार की बेटी ज्योति कुमारी के साथ गाँव के ही एक व्यक्ति “अर्जुन मिश्रा” ने बलात्कार किया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी। यह सरकार और स्थानीय प्रशासन की विफ़लता को इंगित करती है और महिला सुरक्षा के तमाम दावों का पोल खोलती है।

रिपोर्ट के अनुसार 13 साल की ज्योति अपने गाँव में पास के बगीचे में आम चुनने गयी थी, और ये बात बगीचे के मालिक अर्जुन मिश्रा को बहुत बुरी लगी, अर्जुन मिश्रा ने उसके साथ मारपीट की फिर अपनी पत्नी के सामने ही अपनी हवस का शिकार बना डाला, इसके बाद भी वो नहीं माना & हत्या कर दी। रिपोर्ट के मुताबिक ये साईकिल गर्ल नहीं है लेकिन इस ज्योति को जल्द से जल्द इंसाफ मिलना चाहिए। हालांकि, उस समय एसएसपी ने करंट लगने से भी किशोरी की मौत होने की आशंका जताई थी।

पतोर ओपी क्षेत्र में बुधवार को संदिग्ध अवस्था में मृत पायी गयी 13 साल की किशोरी की मौत के मामले में गुरुवार को परिजनों ने आम चुनने गई किशोरी की रेप कर हत्या करने की एफआईआर कराई है। पूरे मामले में एपीएम थाने में चार एफआईआर दर्ज कराई गई है। पहली एफआईआर मृतका के पिता ने पूर्व सैनिक अर्जुन मिश्र, उनकी पत्नी पूनम देवी और हरिसुन्दर मिश्र के विरुद्ध दर्ज करवायी है। इसमें तीनों को किशोरी की गला दबाकर हत्या करने और अर्जुन पर दुष्कर्म करने के साथ अनुसूचित जाति उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया गया है, हिन्दुस्तान।

परिजनों ने दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि बच्ची आम तोड़ने के लिए गई हुई थी। जहां आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म कर गला दबाकर हत्या कर दी। एसएसपी बाबू राम ने बताया कि पुलिस सभी मामलों की जांच कर रही है। घटना के 6 घंटे बाद प्रशासन द्वारा काफी मशक्कत कर शव को पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेजा गया। ओपी में तीन आराेपियाें काे नामजद किया गया है। जिनमें आरोपी अर्जुन प्रसाद मिश्र एवं उनकी पत्नी & हरि सुंदर मिश्र पिता रामनारायण मिश्र बताया जा रहा है। मौके पर जिला कल्याण पदाधिकारी विनोद प्रसाद ने परिजनों को 4 लाख 12 हजार 5 सौ रुपए का चेक सौंपा।

गौरतलब है कि, ज्योति के हत्या की ख़बर को तथाकथित मीडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित नहीं किया, और न ही किसी टीवी समाचार चैनलों में इसकी कोई ख़बर दिखाई पड़ी, आख़िर किसी अख़बार ने ये खबर प्रकाशित भी की तो अख़बार के किसी कोने में, जहाँ पर किसी की नजर न पड़े। आज समाजिक एक्टिविस्ट सोशल मीडिया पर इंसाफ की गुहार लगाने को मजबूर है, उम्मीद है कि बिहार की बेटी को जल्द से जल्द इंसाफ मिलेगा।

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