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ब्यूटी रिटेल को किस तरह पुनर्परिभाषित कर रहे एआई, एआर

सौंदर्य तकनीक में इनोवेशन की गति तेज हो रही है, लेकिन ब्यूटी रिटेल में इनोवेशन आज भी ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरी तरह से हल करने में असफल है। ऐसा मानना है हाउस ऑफ ब्यूटी की संस्थापक और सीईओ रितिका शर्मा का। ब्यूटी एंड वेलनेस कंपनी ने हाल ही में एक नया ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बोडेस डॉट कॉम लॉन्च किया है।

ऐसे में आईएएनएस ने शर्मा से यह जानने के लिए बात की कि कैसे ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ब्यूटी टेक की अवधारणा को फिर से परिभाषित कर रहे हैं।

उनसे पूछे जाने पर कि आप बोडेस में एआई और एआर तकनीकों का उपयोग कैसे कर रही हैं? इस पर उन्होंने कहा, “हमारी टीमों ने पिछले कुछ महीनों में भारत में अग्रणी त्वचा विशेषज्ञों के साथ हमारी मशीन लनिर्ंग डेटाबेस को त्वचा के प्रकारों को ध्यान में रखते हुए उसका निर्माण करने का प्रयास किया है। हमने पुरुषों और महिलाओं की हजारों हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें लीं, हमारे स्किन मेट्रिक्स (हाइड्रेशन, झुर्रियां, काले धब्बे, त्वचा की उम्र आदि) के साथ उनकी त्वचा की स्थिति को टैग किया। जब हम यह कलेक्शन करते हैं, तो हम अपने एल्गोरिदम को त्वचा के रंगों, उम्र के संबंध में विविध प्रकार से प्रशिक्षित करना सुनिश्चित करते हैं। जब हम इस डेटा सेट पर अपने एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करते हैं, तो उसके बाद हर सप्ताह इस एल्गोरिदम को बेहतर बनाने के लिए सुपरवाइज्ड मशीन लनिर्ंग मॉडल बनाते हैं।”

वहीं उनसे पूछे जाने पर कि उनका लक्ष्य क्या है, इस पर उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य ग्राहकों को सूचित करना, उत्पादों को लेकर निर्णय लेने में मदद करना है, जिससे उन्हें खोज, सीखने में आनंद महसूस होता है। यही कारण है कि बोडेस ने एआर/वीआर स्किन डायग्नोस्टिक में निवेश किया। साथ ही उपकरण और मेकअप, बाल, त्वचा जैसे क्षेत्रों में महारथ हासिल कर चुके कलाकारों को फूल-टाइम के लिए नियुक्त किया है।”

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