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बेहतर ढंग से होगा अनाज का रखरखाव, रेलवे की खाली जमीन पर बनेगा गोदाम

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के भंडार में अब रखरखाव की कमी की वजह से अनाज बर्बाद नहीं होगा, क्योंकि, सरकार वक्त की जरूरत के हिसाब से किसानों से एमसीपी पर अनाज की खरीद बढ़ाने के साथ-साथ भंडारण की भी बेहतर व्यवस्था करने जा रही है। अनाज भंडारण के लिए रेलवे की खाली जमीन पर गोदाम बनाने की कवायद शुरू हो गई है।

एफसीआई ने इसके लिए रेलवे को 87 लोकेशन की सूची सौंपी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, भंडारण की कमी को पूरा करने को लेकर एफसीआई, सेंट्रल हाउसिंग कॉरपोरेशन (सीडब्ल्यूसी) और सेंट्रल रेलसाइड वेयरहाउस कंपनी (सीआरडब्ल्यूसी) द्वारा किए गए विश्लेषण के मद्देनजर रेलवे की खाली जमीन पर गोदाम बनाए जाएंगे।

मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, एफसीआई ने रेलवे को इसके लिए 87 लोकेशन की सूची सौंपी थी जिनमें से 36 लोकेशन चिन्हित किए गए हैं और इनमें से भी 24 स्थानों का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जा चुका है।

वहीं, सीआरडब्ल्यूसी ने 1.30 लाख टन भंडारण के लिए गोदाम बनाने को लेकर 11 जगहों पर रेलवे की जमीन की सूची सौंपी है जिनमें से गुजरात के गांधीधाम और पश्चिम बंगाल के संकरैल के लिए रेलवे ने आआरडब्ल्यूसी को सकारात्मक संकेत दिया है जबकि बाकी जगहों के संबंध में रेलवे की स्वीकृति का इंतजार है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान और रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इसी सप्ताह 11 अगस्त को विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई एक बैठक में इस योजना पर विचार विमर्श किया।

खाद्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, “एफसीआई के पास इस समय खुद के 545 गोदाम हैं जिनकी भंडारण क्षमत 153.70 लाख टन है जबकि किराये पर 1622 गोदाम हैं जिनकी क्षमता 261.53 लाख टन है। इसके अलावा राज्यों की एजेंसियों के खुद व किराये के गोदामों की भंडारण क्षमता 358.93 लाख टन है। इस प्रकार, कुल उपलब्ध भंडारण क्षमता 774.25 लाख टन है।”

भंडारण की यह सुविधा देशभर में उपलब्ध है। हालांकि जानकार बताते हैं कि पंजाब, हरियाणा जैसे उत्पादक राज्यों में जहां गेहूं और धान की सरकारी खरीद व्यापक पैमाने पर होती है वहां उपलब्ध भंडारण सुविधा कम पड़ जाती है। इसलिए, विगत में भंडारण के अभाव में अनाज खराब होने की शिकायते आती रही हैं। अब भंडारण की सुविधा बढ़ाए जाने से अनाज को बेहतर ढंग से रखरखाव हो पाएगा।

मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, छह अगस्त 2020 को एफसीआई के पास अनाज का कुल भंडार 750.19 लाख टन था जिसमें 241.47 लाख टन चावल और 508.72 लाख टन गेहूं शामिल है। सरकार ने इस साल रबी सीजन में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर रिकॉर्ड 389.91 लाख टन गेहूं खरीद की है।

सरकार के पास अनाज का पर्याप्त भंडार होने से ही कोरोना काल में मुफ्त अनाज वितरण योजना शुरू हो पाई। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल से देश में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने पांच किलो अनाज दिया जा रहा है। यह योजना शुरू में अप्रैल, मई और जून के लिए शुरू की गई थी जिसे बाद में पांच महीने आगे बढ़ाकर नवंबर तक कर दिया गया है।

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